श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
भगवदवतार का रहस्यश्रीराम के वचन-
श्री भरत के वचन-
भगवान श्रीकृष्ण का संदेश लेकर जब उद्धवजी व्रज में पधारे, तब श्रीकृष्ण के वेश में देखकर गोपियों ने उन्हें घेर लिया और यह जानकर कि ये भगवान श्रीकृष्ण का संदेश लेकर आये हैं गोपियों के हर्ष का पार न रहा-
-और उन्होंने विनयावनत होकर प्रेमभरी लज्जापूर्ण दृष्टि से और मधुर वचनों से उनका सत्कार किया। जब तक भगवान हमारे परम प्रेमास्पद नहीं हैं, तभी तक उनके स्मरण-चिन्तन का अभ्यास करना है। जिस शुभ क्षण में हम अपने-आपको उनके चरणों पर न्योछावर कर देंगे, मन उनके मन में मिला देंगे, तब से तो हर घड़ी हमें उन्हीं की प्राणाधिक प्रिय छबि दिखलायी देगी; फिर गोपियों की भाँति कविवर ‘देव’ की भाषा में हम भी यह कह सकेंगे- |
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