श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
भाव-राज्य की महिमाप्रश्न- भाव-जगत् में मनुष्य बहुत-सी बातों का अनुभव करता है, क्या वे वास्तविक सत्य हैं या कल्पना से उत्पन्न होती हैं? उत्तर- दोनों ही बातें हो सकती हैं। भाव का अर्थ केवल कल्पना ही नहीं हैं। गीता के ‘नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः’ में भाव का अर्थ है सत्-सदा रहने वाला। ‘सत्’ का कभी अभाव नहीं होता और असत् का कभी भाव नहीं होता।’ वैष्णव-साहित्य में भाव का अर्थ है उच्चाति-उच्च प्रेम। भगवान श्यामसुन्दर सच्चिदानन्दघन श्रीकृष्ण की ‘रसराज’ और रासेश्वरी नित्यनिकुंजेश्वरी वृषाभानुनन्दिनी श्रीराधाजी को ‘महाभाव’ कहा गया है। आजकल ‘भाव’ का प्रयोग बहुत हलके अर्थ में होता है। भाव और भावना में कोई अन्तर नहीं माना जाता। बंगाल में तो भावना का प्रचलित अर्थ है-‘चिन्ता’। भावना करते-करते जिस वस्तु का जो रूप बन जाय, उसका नाम भी ‘भाव’ कहा जाता है। भाव से भावित पुरुष में होने वाली मनोवृत्ति को भावुकता कहते हैं। भावुकता का चलता अर्थ है भावप्रवण-कल्पना राज्य में विचरण करने वाला व्यक्ति, जो विचारशील नहीं है या विवेकहीन-मूढ़ है। प्रेम तथा अनुराग को भी ‘भाव’ कहते हैं। प्रेम, अनुराग आदि के भाव जो अन्तस्तल में उठते हैं, उनको भी भावुकता कहते हैं। ऐसे प्रेमी व्यक्तियों का हृदय भावना करते-करते द्रवीभूत हो जाता है। श्रद्धालुओं को भी भावुक कहते हैं। भावुक व्यक्ति भावना के अनुसार अनेक प्रकार की कल्पना करके उसके राज्य में विचरते रहते हैं। वैष्णवों ने भाव को सर्वथा ‘पवित्र प्रेम’ के अर्थ में लिया है। भगवान का जो आनन्दस्वरूप है, उनकी जो स्वरूपभूता हलादिनी शक्ति है,अन्तरंगा शक्ति है, वही ‘भाव’ है; वही मूर्तिमान् होकर महाभावस्वरूपा श्रीराधिकाजी के दिव्य विग्रह रूप में प्रकट है। जहाँ-जहाँ भक्त अपनी दृष्टि से भावराज्य की बात कहता है, वहीं वह भगवान के यथार्थ प्रभाव ही बात कहता है, कल्पना-प्रसूत भावना से नहीं। वह सर्वथा यथार्थ है, न कि कल्पना। भक्त की दृष्टि ऐसी ही होनी भी चाहिये। भावना से जिस प्रकार भगवान के रूप का ध्यान होता है, उसी प्रकार शब्द, स्पर्श, रस और गन्ध आदि का भी ध्यान हो सकता है और होता है। ध्यान में हम भगवान की वंशी की मधुरध्वनि सुन सकते हैं, उनके रूप को निरख सकते हैं, उनके अधरामृत का पान कर सकते हैं, उनके स्पर्श की पुलक में पुलकित हो सकते हैं, यहाँ तक कि उनके अंग की गन्ध भी सूँघ सकते हैं। |
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