श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप-तत्त्व और महत्त्व
आज श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी का महान् महोत्सव-पर्व है। आज के ही मंगलमय दिन इस सौभाग्यशाली पुण्य भूमण्डल पर अप्राकृत सच्चिदानन्दस्वरूप समस्त अवतारों के मूल अवतारी पूर्ण-पुरुषोत्तम भगवान का अपने अंशांशोसहित पूर्णाविर्भाव हुआ था। भगवान का अवतार तो बहुत-से कल्पों में होता है; परंतु पूर्णाविर्भाव सारस्वत कल्प में ही हुआ करता है। आज हम उन्हीं स्वयं-भगवान श्रीकृष्ण के इसी पूर्णाविर्भाव का महोत्सव मना रहे हैं, यह उनकी अहैतुकी कृपा का ही प्रसाद है। |
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