श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
अखिलरसामृतमूर्ति भगवान श्रीकृष्ण का आविर्भाव
आज नित्य अजन्मा के दिव्य जन्म का महामहोत्सव-दिवस है। समस्त प्रकृति को धन्य करते हुए आज स्वयंरूप दिव्य नराकृति भगवान प्रकट हुए हैं। भगवान के अनेक विभिन्न अवतार होते हैं - पुरुषावतार, लीलावतार, गुणावतार, मन्वन्तरावतार, युगावतार, आवेशावतार, कल्पावतार, कलावतार, अर्चावतार आदि। और भगवान स्वरूपतः नित्य-सत्य-परिपूर्णतम होने के कारण उनका प्रत्येक रूप ही नित्य, शाश्वत, सच्चिन्मय,, हानोपादानरहित, परानन्द-संदोह और पूर्णतम है; तथापि लीला की दृष्टि से शक्ति के प्रकाश के तारतम्यानुसार भेद दिखायी देता है।
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- ↑ प्रमेयरत्नावलि 1। 14
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