श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
अखिल-विद्या-विशारद देवर्षि नारदजी की स्तवन-शक्ति ने जवाब दे दिया। वे आश्चर्य से मोहित हो गये। तब उन व्रज बालाओं ने कृपापूर्वक अपनी सखी का चरणोदक लेकर उसे मुनि के ऊपर छिड़का, जब उन्हें बाह्य चेतना हुई। तदनन्तर उन भाग्यवती बालिकाओं ने कहा- ‘मुनिश्रेष्ठ! तुम बड़े भाग्यशाली हो, महान योगेश्वरों के भी ईश्वर हो। तुम्हीं ने परा-भक्ति के साथ सर्वेश्वर भगवान श्रीहरि की आराधना की है। भक्तों की इच्छा पूर्ण करने वाले भगवान् की उपासना वास्तव में तुम्हारे ही द्वारा हुई है। यही कारण है कि ब्रह्मा और रुद्र आदि देवता, सिद्ध, मुनीश्वर तथा अन्य भगवद्भक्तों के लिये भी जिसे देखना और जानना कठिन है, वही अपने अदभुत अवस्था और रूप से सबको मोहित करने वाली यह श्रीकृष्ण की प्रियतमा हमारी सखी आज तुम्हारे समक्ष प्रत्यक्ष प्रकट हुई है। निश्चय ही वह तुम्हारे किसी अचिन्त्य सौभाग्य का प्रभाव है। ब्रह्मर्षे! धैर्य धारण करके शीघ्र ही उठो, खड़े हो जाओ और इस देवी की प्रदक्षिणा करो, इसके चरणों में बारम्बार मस्तक झुका लो। फिर समय नहीं मिलेगा, ये अभी इसी क्षण अन्तर्धान हो जायँगी। अब इनके साथ तुम्हारी बातचीत किसी तरह नहीं हो सकेगी।’ व्रजबालाओं का चित्त स्नेह से विह्वल हो रहा था। उनकी बातें सुनकर नारदजी नाना प्रकार के वेष-विन्यास से शोभा पाने वाली उस दिव्य बाला के चरणों में दो मुहूर्त तक पड़े रहे। तदनन्तर उन्होंने भानु को बुलाकर उस सर्वशोभासम्पन्ना कन्या के सम्बन्ध में इस प्रकार कहा- ‘गोपश्रेष्ठ! तुम्हारी इस कन्या का स्वरूप और स्वभाव दिय है। देवता भी इसे अपने वश में नहीं कर सकते। जो घर इसके चरणचिह्नों से विभूषित होगा, वहाँ भगवान नारायण सम्पूर्ण देवताओं के साथ निवास करेंगे और भगवती लक्ष्मी भी सब प्रकार की सिद्धियों के साथ वहाँ वर्तमान रहेंगी। अब तुम सम्पूर्ण आभूषणों से विभूषित इस सुन्दरी कन्या को परादेवी की भाँति समझकर इसकी अपने घर में प्रयत्नपूर्वक रक्षा करो।’ इन श्रीकृष्णमयी आनन्द-प्रेम-रस-प्रतिभाविता महाभावस्वरूपा श्रीराधा का आज परम पुनीत प्राकट्य-दिवस है। आज के ही दिन इन्होंने श्रीवृषभानुपुर में परम सौभाग्यशाली श्रीवृषभानु तथा परम सौभाग्यमती श्रीकीर्तिरानी के घर प्रकट होकर उनको धन्य किया था। हम लोगों का परम सौभाग्य है कि आज हम लोग उन्हीं सखियों से युक्त श्रीराधारानी की पूजा-अर्चना करने तथा जन्मोत्सव मनाने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। |
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