श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्रीराधाका स्वरूप और महत्त्वसं. 2022 वि. के श्रीराधाष्टमी-महोत्सव पर प्रवचन
शक्तिमान के साथ शक्ति का नित्य, अभिन्न तथा अभिनाभाव सम्बन्ध रहता है। अतएव भगवान की ह्लादिनी रूपा स्वरूपाशक्ति श्रीराधाजी भगवान में कालकल्पनातीत काल से ही अभिन्न भाव से स्थित हैं और सदा रहेंगी। साथ ही ये पृथक मूर्तरूप से भी नित्य लीलायमान हैं। जब स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का इस पुण्यभूमि में आविर्भाव होता है तब वे भी लीला के लिये प्रकट हुआ करती हैं। |
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