श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्रीराधा के तत्त्व-स्वरूप-लीला का पुण्यस्मरणसं. 2021 वि. के श्रीराधा-जन्माष्टमी-महोत्सव पर प्रवचन (दिन का प्रवचन)
आज का यह मंगल दिवस सभी के लिये परम मंगलमय, सर्वथा आदरणीय एवं परम सौभाग्यसूचक है; क्योंकि सच्चिदानन्दघन भगवान की ह्लादिनी शक्ति, नित्य लीलामयी, वृषभानुनन्दिनी, कीर्तिदाकुमारी स्वामिनी श्रीराधाजी की प्राकट्यलीला आज के दिन इस मंगलमय मध्याह्न के समय ही अपने ननिहाल रावल ग्राम में हुई थी। जैसे श्रीकृष्ण नित्य सच्चिदानन्दस्वरूप, समस्त अवतारों तथा भगवत्स्वरूपों के मूल, प्राकृत प्रपन्च से अतीत दिव्य गुण-शक्तिमय तथा सौन्दर्य-माधुर्य के अनन्त निधि हैं, वैसे ही श्रीराधाजी भी नित्य सच्चिदानन्दस्वरूपा, लक्ष्मी-सरस्वती आदि समस्त देवियों की भी आदि-मूलस्वरूपा, प्राकृत प्रपन्च से अतीत दिव्य गुण-शक्तिमय तथा ऐसे अनुपम अनन्त सौन्दर्य-माधुर्य की समुद्र हैं, जो सर्वाकर्षक श्रीकृष्ण को भी नित्य आकर्षित किये रहते हैं। वस्तुतः श्रीकृष्ण और श्रीराधा में शक्तिमान तथा शक्ति के सदृश नित्य अभेद है। एक ही तत्त्व नित्य दो स्वरूपों में लीलायमान हैं। |
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