श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
जीवगत ह्लादिनी का विकार मायाशक्ति के द्वारा जीव को सतत खींच रहा है, इसी से वह विषय-भोग में प्रमत्त होकर श्रीकृष्ण प्रेम से वंचित हो रहा है और इसी से विषयों से सुख की आशा में नित्य-नित्य दुःखों के भँवर में पड़ा गोते खा रहा है। इस माया-शक्ति के आकर्षण से मुक्त होने के लिये श्रीकृष्णगत-ह्लादिनी शक्ति श्रीराधा या उनकी किसी सखी-सहचरी के अनुगत होकर उनसे प्रार्थना करनी चाहिये, जिससे वे कृपा करके श्रीराधा-माधव के विशुद्ध प्रेम की ओर हमें खींचें।
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