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श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
[1]प्रदोषकालीन सेवा
[2]निशाकालीनसेवा
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क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
- ↑ सांय काल ले उपरान्त छ: दण्ड काल को प्रदोष कहते हैं।
- ↑ प्रदोष के उपरान्त बारह दण्ड के काल को निशाकाल कहा जाता है।
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