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पूर्ण परात्पर भगवान श्रीकृष्ण का आविर्भाव
सं. 2023 वि. के जन्माष्टमी-महोत्सव पर प्रवचन
- परम सखा प्रिय, परम प्रियतम, परम पिता, गुरु बन्धु ललाम।
- सहज सुहृद् शरणागतवत्सल, परम वदान्य, आत्माराम।।
- प्रकटे आज देव-मुनि-गो-द्विज-रक्षक सत्य-धर्म-आधार।
- करो सभी मिल मुक्तकण्ठ से उनका पुनः-पुनः जयकार।।
- जय वसुदेव-देवकीनन्दन, जय नँद-नंद, यशोदालाल।
- जय प्रेमीजन-मुनि-मन-मोहन, जयति सुकोमल हृदय विशाल।।
- जय नँदबाबा, जयति यशोदा, जय गोपी, जय गैया-ग्वाल।
- जय वंशी, जय यमुना, जय-जय-जय वृन्दावन, द्वापर काल।।
- जय वसुदेव-देवकी जय-जय, जयति कंस का कारागार।
- जय रोहिणि, बलराम जयति जय, जय उद्धव-अक्रूर उदार।।
- जय मथुरा, द्वारका जयति जय, पटरानी हरि-उनकी माल।
- जय षोडश सहस्र हरि-गृहणी, जयति धनंजय कुन्तीलाल।
- जय गीता, भारत महान जय, जयति भागवत लीला-सार।
- जय प्रेमी-ज्ञानी-जन, करते जो प्रभु का महिमा-विस्तार।।
बोलो वसुदेव-देवकीनन्दन, नन्द-यशोदालाल की जय!
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