श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्रीराधा-महिमाश्यामसुंदर के मथुरा पधार जाने पर वे एक बार कहती हैं--
श्रीराधा के गुण-सौन्दर्य से नित्य मुग्ध प्रियतम श्यामसुन्दर यदि कभी प्रियतमा श्रीराधा के प्रेम की तनिक भी प्रशंसा करने लगते, उनके प्रति अपनी प्रेम-कृतज्ञता का एक शब्द भी उच्चारण कर बैठते अथवा उनके दिव्य प्रेम का पात्र बनने में अपने सौभाग्य-सुख का तनिक-सा संकेत भी कर जाते तो श्रीराधाजी अत्यन्त संकोच में पड़कर लज्जा के मारे गड़-सी जातीं। |
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