श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
हमलोग सभी धन्य हैं, जो इस घोर काम-कलुषमय कलियुग के कलंकपूर्ण परंतु कल्पनातीत परमोत्कृष्ट परमोज्ज्वल काल में परम और चरम त्याग की प्रत्यक्ष मूर्ति श्रीराधिकाजी के पुण्य-स्मरण करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। श्रीराधाजी की बात तो बहुत दूर, उनकी किंकरी किसी क्षुद्र-से-क्षुद्र मञ्जरी के त्यागमय जीवन का जरा-सा प्रकाश भी हमारे जीवन पर पड़ जाय तो हम धन्य जीवन-सफलजन्म हो सकते हैं। प्रार्थना कीजिये-
बोलो श्रीकृष्ण प्रेम स्वरूपा श्रीराधारानी की जय जय जय!!! |
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