श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
इस स्त्रोत का माहात्म्य वे यों बतलाते हैं- ‘जो पुरुष त्रिकाल-संध्या के समय भगवती श्रीराधा का स्मरण करते हुए उनके इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसके लिये कभी कोई भी वस्तु किंचिन्मात्र भी अलभ्य नहीं रह सकती और आयु समाप्त होने पर शरीर का त्याग करके वह बड़भागी पुरुष गोलोकधाम- रास मण्डल में नित्य निवास करता है। यह परम रहस्य जिस किसी के सामने नहीं कहना चाहिये।’ |
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क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
- ↑ श्रीमद्देवीभागवत 9। 50। 46 से 50
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