मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ।
गुइयाँ, मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ।
भारत है मेरा प्राणों का प्यारा,
दिल का दुलारा, जीवन अधारा।
उसपै तनमन को वारूँ, उसपै त्रिभुवन को हारूँ;
उसको पलकों पै धारूँ, उसको दिल पै बैठारूँ;
मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ,
गुइयाँ, मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ।
भारत है मेरा प्यारा ललनवा,
करता कलोलें मोरे दिल के पलनवा;
उसको गोदिया उठाऊँ, उसके कजरा लगाऊँ,
उसको मल मल न्हिलाऊँ, उसको अँचरा पिलाऊँ,
मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ,
गुइयाँ, मैं तो भारत पै बलि बलि जाऊँ। -श्रीधर पाठक