प्रेम योग -वियोगी हरि पृ. 272

प्रेम योग -वियोगी हरि

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वात्सल्य और तुलसीदास

कौशल्या की मनोरथ बेलि फूलने फलने लगी। चारों राजकुमार सरयू तीर पर खेलने कूदने जाने लगे। कभी छोटी छोटी धनुहियाँ लेकर लक्ष्य बेध करते, कभी चौगान खेलते और कभी जल क्रीड़ा किया करते। धन्य वह बाल लीला!

बिहरत अवध बीथिन्ह राम।
संग अनुज अनेक सिसु, नवनील नीरद स्याम।।
तरुन अरुन सरोज पद बनी कनकमय पद आन।
पीतपट, कटि तून बर कर ललित लघु धनु बान।।
लोचननि कौ लहत फल छबि निरखि पुर नर नारि।
बसत ‘तुलसीदास’ – उर अवधेस के सुत चारि।।

ऐसे हृदय हारी बालक यदि मन में न बसे, तो-

नर ते खर सूकर स्वान समान, कहौ, जग में फल कौन जिये? कैसे बालक? सुनिये, ऐसे-

पद पंकज मंजु बनी पनहीं, धनुही कर पंकज बान लिये।
लरिका संग खेलत डोलत हैं सरजू तट चौहट हाट हिये।।
‘तुलसी’ अस बालक सों नहिं नेह, कहा जप जोग समाधि किये।
नर ते खर सूकर स्वान समान, कहौ, जग में फल कौन जिये।।

माता का जरा स्नेह- प्लावित हृदय तो देखिये। राम अब शिशु या बालक नहीं है। युवावस्था में प्रवेश कर चुके हैं। किन्तु माता ममत्वपूर्ण नेत्रों में तो वह अब भी वही बालक हैं। वह यद्यपि भूख प्यास साध सकते हैं, तथापि माता के स्नेह भाव भरित सरल हृदय में खेलते हुए राम को प्रातःकाल ही कुछ कलेवा कर लेना चाहिए-

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

प्रेम योग -वियोगी हरि
क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या
पहला खण्ड
1. प्रेम 1
2. मोह और प्रेम 15
3. एकांकी प्रेम 25
4. प्रेमी 29
5. प्रेम का अधिकारी 41
6. लौकिक से पारलौकिक प्रेम 45
7. प्रेम में तन्मयता 51
8. प्रेम में अधीरता 56
9. प्रेम में अनन्यता 63
10. प्रेमियों का मत मज़हब 72
11. प्रेमियों की अभिलाषाएँ 82
12. प्रेम व्याधि 95
13. प्रेम व्याधि 106
14. प्रेम प्याला 114
15. प्रेम पंथ 120
16. प्रेम मैत्री 130
17. प्रेम निर्वाह 141
18. प्रेम और विरह 146
19. प्रेमाश्रु 166
20. प्रेमी का हृदय 177
21. प्रेमी का मन 181
22. प्रेमियों का सत्संग 186
23. कुछ आदर्श प्रेमी 190
दूसरा खण्ड
1. विश्व प्रेम 204
2. दास्य 213
3. दास्य और सूरदास 223
4. दास्य और तुलसी दास 232
5. वात्सल्य 243
6. वात्सल्य और सूरदास 253
7. वात्सल्य और तुलसीदास 270
8. सख्य 281
9. शान्त भाव 291
10. मधुर रति 299
11. अव्यक्त प्रेम 310
12. मातृ भक्ति 317
13. प्रकृति में ईश्वर प्रेम 322
14. दीनों पर प्रेम 328
15. स्वदेश प्रेम 333
16. प्रेम महिमा 342
अंतिम पृष्ठ 348

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