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श्रीकृष्ण बाल माधुरी -सूरदास
अनुवादक - सुदर्शन सिंह
राग बिहागरौ(142) (कोई सखा कहता है-) ‘कन्हाई! दूर खेलने क्यों जा रहे हो? आज मैंने सुना कि हाऊ (हौआ) आया है; तुम नन्हें हो, इससे उसे नहीं जानते। एक लड़का अभी भागा आया है, मैंने उसे रोते देखा है। वह हाऊ जिन्हें लड़का समझता है, उन सबों के कान उखाड़ लेता है। मेरे साथ चलो न, सबेरे (जल्दी) ही अपने घर भागकर चले चलें।’ सूरदासजी कहतेे हैं कि यह बात सुनते ही श्यामसुन्दर ने बलरामजी को बुला लिया। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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