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- सकल गोप टेरे जदुनाथा।
- क्रीडा रत बोले गहि हाथा।।
- अहो मित्र! द्वैद्वै मिलि साथा।
- खेल खेलियै, होहु सनाथा।।
- बल-वय सरिस आपने जानी।
- जुग-जुग मिलि आवहु मन मानी।।
- कहत कि सुनहु भिया ही हीरी।
- अवर खेल खेलहु बटि बीरी।।
- द्वै द्वै ह्वै ह्वै आवहु ऐसें।
- बल अरु अबल जानि कै जैसें।।
- सखा सिगरे निकट बोलत।
- स्याम तिन सो बचन खोलत।।
- सुनहु, सिसु! सब खेल छाँड़हु।
- हौं कहतु, सोइ खेल माँड़हु।।
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