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श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
75. गोप-बालकों के साथ बलराम-श्रीकृष्ण की विविध मनोहारिणी लीलाएँ
और तब व्रजेन्द्र नन्दन खेलने चले नृत्यमय, संगीतमय बाहुबल प्रदर्शनमय विविध खेल!-
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (श्रीमद्भा. 10।18।9)
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