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श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
16. दुर्वासा का मोह-भंग
जननी किसी प्रकार उन्हें दूध पिलाती हैं, उनका मुख प्रक्षालन करती है, फिर गोद में उठाकर शय्या पर सुला आती है-
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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जननी किसी प्रकार उन्हें दूध पिलाती हैं, उनका मुख प्रक्षालन करती है, फिर गोद में उठाकर शय्या पर सुला आती है-
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