विषय सूची
भक्ति सुधा -करपात्री महाराज
श्रीकृष्णजन्म और बालक्रीड़ा
व्रजदेवियाँ कहती हैं कि अरे बेटा, यह नवनीत नहीं है, व्योमवीथी-तड़ाग में यह कलहंस है। कृष्ण- “तब तो फिर इसी के साथ खेलूँगा, देखो कहीं भाग न जाय” ऐसा कहकर भूमि पर चरण युगलों को नचाते हुए बड़ी उत्कंठा से व्रजदेवियों के कण्ठ से लिपट जाते हैं और कहते हैं ‘मेरे लिये इसे ला दो।’ जब वे बाल्यावेश से रोने लगते हैं तब कुछ व्रजदेवियाँ कहती हैं- “बेटा! इन लोगों ने प्रतारण किया है। यह कलहंस नहीं, किन्तु पीयूष-रश्मि चन्द्रमा है।” इस पर कृष्ण फिर कहते हैं- “मैं उसी को खेलने के लिये माँग रहा हूँ।” बालक को जोरों से रोते देखकर माँ गोद में उठा लेती है और कहती है- “लाल, यह न राजहंस है, न चन्द्रमा; वह नवनीत ही है, पर दैवात् उसमें विष मिल गया है, उसे कोई खाता नहीं है।” कृष्ण ने उत्सुक होकर पूछा “माँ विष क्या होता है? वह इसे कैसे लग गया?” पूर्व आवेश छोड़कर रसान्तर को प्राप्त श्रीकृष्ण की कथा-श्रवण में जिज्ञासा देखकर माता सोचती है कि चलो अच्छा ही हुआ। फिर आलिंगन करके मधुर स्वर में कहती है, “बेटा, एक क्षीरसागर है।” झट कृष्ण पूछ बैठते हैं- “वह कौन है?” माता उत्तर देती है, जैसे यह दूध दिखाई देता है, वैसे ही दूध का समुद्र है। “पर बालकृष्ण को इस उत्तर से सन्तोष कहाँ? वे फिर पूछते है- “माँ, कितनी गौओं के स्तनों से इतना दूध निकला कि समुद्र बन गया?” यशोदा उत्तर देती हैं ‘वत्स, वह गो-दुग्ध नहीं है।’ यह बात बालक की समझ में नहीं आती है। वह कहता है, “बस रहने दे माँ, झूठी बातें मत बना। भला बिना गौओं के भी कहीं दूध होता है?” इस पर हँसते हुए माँ कहती है, “बेटा, जिसने गौओं में दूध रचा है वही बिना उनके भी क्षीर-सागर रच सकता है।” कृष्ण, “माँ, वह कौन है?” माता “वत्स, वे अजन्मा है।” इस पर कृष्ण चुप हो जाते हैं और यशोदा कथा आगे बढ़ाती है। “बेटा, एक बार देवताओं और असुरों के विवाद में असुरों को मोहन करने के लिये उन्हीं भगवान ने क्षीर सागर का मन्थन किया था। वहाँ मन्दराचल मथानी का दण्ड और नागराज वासुनि रज्जु बने थे, जिसको एक ओर से देवता और दूसरी ओर से असुर खींचते थे।” इस पर कृष्ण बीच ही में बेाल उठे “जैसे गोपांगनाएँ दधि मथती हैं।” ‘हाँ’ कहकर माता फिर कथा सुनाती हैं, “क्षीरसागर मथने पर उसमें से कालकूट नाम का विष निकला।” |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रम संख्या | विषय | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज