गीता माधुर्य -स्वामी रामसुखदास
छठा अध्याय
ऐसे आसन से भी किस भाव से बैठना चाहिये? इसका फल क्या होगा? इस प्रकार से ध्यान करने वाले तो कई होते हैं, पर उन सबका ध्यानयोग सिद्ध क्यों नहीं होता भगवन्? तो फिर यह योग किसका सिद्ध होता है? |
ऐसे आसन से भी किस भाव से बैठना चाहिये? इसका फल क्या होगा? इस प्रकार से ध्यान करने वाले तो कई होते हैं, पर उन सबका ध्यानयोग सिद्ध क्यों नहीं होता भगवन्? तो फिर यह योग किसका सिद्ध होता है? |