विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
चौथा अध्याय
द्वारकालीला
अष्टम प्रकरण
सुदामा का चरित्र और वसुदेवजी का यज्ञ
सुदामा तथा ऋषियों द्वारा की गयी स्तुति
एक समय सूर्यग्रहण का पुण्ययोग आया। भगवान और सब कुटुम्बवर्ग कुरुक्षेत्र गये। इस यात्रा का कुछ वृत्तान्त द्वितीय अध्याय के नवें प्रकरण में गोपियों की कथा के साथ लिख दिया गया है। कुरुक्षेत्र में भगवान के दर्शन करने के लिए कई ऋषि भी आये थे। श्री भगवान ने उनका बड़ा सत्कार किया और विनीत भाव से कहा ‘हमें आज जन्म लेने का फल मिल गया क्योंकि देवताओं को भी दुर्लभ आपके दर्शन सुख का हम अनुभव कर रहे हैं। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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प्रकरण | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
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