विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
तीसरा अध्याय
किशोरलीला
चतुर्थ प्रकरण
मथुरा छोड़ना[1]
राजा मुचुकुन्दकृत स्तुति
अभी भगवान् के अवतार का बहुत प्रयोजन शेष था। व्रज से बाहर रहने वाले बहुत से दुष्ट शेष थे, जिनमें मगध देश का राजा कंस का श्वशुर जरासन्ध मुख्य था। जरासन्ध ने जब अपनी लड़कियों से उनके पति कंस का वध करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र अन्तपर्यन्त सुना तो वह क्रोद के आवेश में आकर भगवान् से युद्ध करने के लिए तेईस अक्षौहिणी सेना लेकर चला। उसने चारों ओर से मथुरा को घेर लिया। भगवान और बलराम जी ने युद्ध करके उसकी सारी सेना का संहार कर दिया और जरासन्ध को बलराम जी ने बाँध लिया, किन्तु श्रीकृष्ण जी ने उसको इसलिए छुड़ा दिया कि वह और भी बहुत से दुष्टों की सेना इकट्ठी करके लावेगा और उनका भी संहार अनायास ही हो जाएगा। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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