विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
पहला अध्याय
बाललीला
द्वितीय प्रकरण
श्रीकृष्णजन्म
वसुदेव कृत स्तुति
हे व्यापक! हे अखिलेश्वर! इस लोक के रक्षण की इच्छा से आप इस समय मेरे गृह में (श्रीकृष्णमूर्ति धारणकर) अवतीर्ण हुए हैं, इस कारण (साधुओं की रक्षा करने के लिए) आप राजा नामधारी जो कोटिशः दैत्यसमूह के सेनापति हैं, उनसे इधर-उधर नियत करके भेजी जाने वाली सेनाओं का संहार करेंगे।।21।। (वसुदेव जी इतना जानते हुए भी प्रेम से मोहित होकर कहते हैं-) हे सुरेश्वर! आपका जन्म हमारे घर में होगा, यह सनकर इस खल कंस ने आपके छः बड़े भाई मार डाले, वह इसी समय अपने अनुचरों से आपके अवतीर्ण होने का हाल सुनकर हाथ में शस्त्र लेकर आ ही पहुँचेगा। (इस कारण आप सावधान हो जाइये।)।।22।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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प्रकरण | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
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