कृपा करी तुम नर तन दीन्हा, फिर भी तुमको मैं नहीं चीन्हा, तेरे जैसा मोहि चेताया नहीं कोई रे, चेताया नहीं कोई रे, समझाया नहीं कोई रे।। 4 ।। बहुत निरादर मैंने कीन्हा, फिर भी तुमने सब सह लीन्हा, तेरे जैसे माता पिता है नहीं कोई रे, पिता है नहीं कोई रे, मालिक है नहीं कोई रे।। 5 ।। अपने संतन्ह संग बिठाया, गीता रामायन ग्रन्थ लखाया, तूँ हीं मेरा एक है दूजा नहीं कोई रे, दूजा नहीं कोई रे, अनत नहीं कोई रे।। 6 ।।