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नाचे नन्दलाल नचावे हरि की मैया।। टेर ।।
मथुरा में हरि जनम लियो है, गोकुल में पग धरे री कन्हैया।। 1 ।।
रुनक झुनक पग नूपुर बाजे, ठुमुक ठुमुक पग धरे री कन्हैया।। 2 ।।
धोती ना बाँधे लाला जामो ना पहिरे, पीताम्बर को बड़ो री पहरैया।। 3 ।।
टोपी ना ओढ़े लाला फेंटो ना बाँधे, मोर मुकुट को बड़ो री ओढैया।। 4 ।।
शाल ना ओढ़े दुशाला ना ओढ़े, काली सी कमरियाँ को बड़ो री ओढ़ैया।। 5 ।।
दूध ना भावे याँने दही नहीं भावे, माखन मिसरी को बड़ो री खवैया।। 6 ।।
खेल न खेल खिलौना न खेले, चन्द्र खिलौना को बड़ो री खेलैया।। 7 ।।
सीटी ने भावे याँने पीपी न भावे, हरिसी बाँसुरी को बड़ो री बजैया।। 8 ।।
‘चन्द्रसखी’ भज बालकृष्ण छबि हँस हँस कंठ लगावे हरि की मैया।। 9 ।।