(217) मोहि बड़ो कर ले री मैया, मोहि बड़ो कर ले री।। टेर ।। मधु मेवा पकवान मिठाई, जब माँगौं तब दे री।। 1 ।। बड़ो होउँगो टहल करूँगो, मारूँगो सब बैरी।। 2 ।। मारूँ मल्ल अखाड़ा जीतूं, करौं कंस की ढ़ेरी।। 3 ।। ‘सूरदास’ सुन मात जसोदा, मथुरा राज करौं री।। 4 ।।