विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
चौथा अध्याय
द्वारकालीला
एकादश प्रकरण
भगवान का इन्द्रप्रस्थ से जाना
इन्द्रप्रस्थ की स्त्रियों द्वारा कृत स्तुति
जिन स्त्रियों के साथ विवाह करने में पराक्रम ही शुल्क (मूल्य) था उनको भगवान महाबली शिशुपालादि राजाओं का स्वयंवर में तिरस्कार करके लाये- जिनके पुत्र प्रद्युम्न, साम्ब, अम्ब इत्यादि हैं और सहस्रों स्त्रियों को भौमासुर के वध के समय लाये थे।।29।। और पारिजातादि प्रिय वस्तु लाकर आनन्द देने वाले कमललोचन श्रीकृष्ण जिनके घर से बाहर नहीं निकलते हैं ऐसी स्वतंत्रता और शौचाचाररहित स्त्रियों को अत्यंत उत्कृष्ट कर दिया है (वे ही ये भगवान श्रीकृष्ण हैं)।।30।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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प्रकरण | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
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