विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
दूसरा अध्याय
माधुर्यलीला
षष्ठ प्रकरण
गोपियों से विदाई
गोपीक्रन्दन
(यदि यह कहो कि वृद्धों के सामने कैसे जाओगी? तो कहती हैं-) कि हम सब एकत्रित हो माधव के समीप जाकर उनसे मथुरा जाने का निषेध करें, क्योंकि आधे पल भर भी जिनसे अलग होना कठिन है, ऐसे मुकुन्द के संग से दैवयोग से (वियोग होने के कारण) दीनचित्त हुई हम लोगो का कुल के वृद्ध बन्धुजन क्या कर सकते हैं? (इस समय मृत्यु का भी भय नहीं है, बान्धवों का भय तो कहाँ से होगा?)।।28।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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