विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
दूसरा अध्याय
माधुर्यलीला
द्वितीय प्रकरण
चीरहरणलीला
ब्राह्मणों द्वारा की हुई स्तुति
अहो वयं धन्यतमा येषां नस्तादृशीः स्त्रियः। फिर भी हम अत्यंत धन्य हैं जिनकी ऐसी भगवद्भक्ता स्त्रियाँ हैं, जिन स्त्रियों की भक्ति से ही हमारी श्रीहरि में निश्चल भक्ति हुई है।।49।। नमस्तुभ्यं भगवते कृष्णायाकुण्ठमेधसे। जिनकी बुद्धि कहीं कुंठित नहीं होती ऐसे श्रीकृष्ण भगवान को नमस्कार है जिनकी माया से मोहित होकर हम लोग कर्म मार्ग में चक्कर लगा रहे हैं।।50।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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प्रकरण | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
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