विषय सूची
भागवत स्तुति संग्रह
दूसरा अध्याय
माधुर्यलीला
प्रथम प्रकरण
माधुर्य का प्रादुर्भाव
वेणुगीत
(कोई सखी कहती है कि) हे सखि! देखो, इस धूप में बलराम और गोपों के साथ वन में गौ चराते हुए, मुरली बजाते हुए भगवान् को धूप में देखकर, मेघ ने अपने मित्र कृष्ण के ऊपर प्रकट हो और प्रेम से बढ़कर पुष्प समूह या पुष्पों के तुल्य छोटी-छोटी बूँदों के साथ अपने शरीर से छाता तान दिया है।।16।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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प्रकरण | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
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