(55)
कोई नजर लगाय मत दीज्यो हे, म्हारो छोटो सो बनवारी।
कोई कामण मत कर दीज्यो हे, म्हारो भोरो सो बनवारी।। टेर ।।
निरखत ही हरदम रीज्यो, आसीस लला ने दीज्यो।
नुकर्याँ सूँ डरती रीज्यो हे, म्हारो छोटो सो बनवारी।। 1 ।।
आँ ने चैकी ऊपर बिठाओ, जमुना जल सूँ नहलाओ।
झीनी झँगुली पहनाज्यो हे, म्हारो छोटो सो बनवारी।। 2 ।।
याँके भूषन अंग सँवारो, नैनन बिच काजर सारो।
याके राई नौन उतारो हे म्हारो भोरो सो बनवारी।। 3 ।।
माखन अरु मिसरी लावो, धर तुलसी भोग लगाओ।
पड़दो आडो कर दीज्यो हे म्हारो छोटो सो बनवारी।। 4 ।।
आँका नयन कमल अलसावे कछु नींदड़ली भी आवे।
पालणिये में झोटा दीज्यो हे, म्हारो छोटो सो बनवारी।। 5 ।।