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साँवरिया मैं तो थाँसूं प्रीत लगाई म्हारा श्याम।
नन्दलाल जी हो म्हारा श्याम।। टेर ।।
सुनिया म्हे सत संग में, साँचा स्वामी आप।
सगपण थाँसूं कर दियो, सन्त गुरू माँ बाप।
बृज नन्दन म्हारी थाँसूं भई सगाई म्हारा श्याम।। 1 ।।
सुनो जसोदा लाडला, थाँ बिनु रयो न जाय।
सारा सुख संसार का, नरक समान लखाय।
मनमोहन मैं तो जग सूँ भई पराई म्हारा श्याम।। 2 ।।
थाँसू गिरधर लाल जी, मोड़ी पड़ी पिछान।
जनम जनम रा आप हो, प्रियतम म्हारा प्रान।
चितचोर मैं तो थाँरे हात बिकाई म्हारा श्याम।। 3 ।।