गीता माधुर्य -स्वामी रामसुखदास
तीसरा अध्याय
अज्ञानी और ज्ञानी- इन दोनों के कर्मों के करने में क्या अन्तर होता है? जितनी जिम्मेवारी आप पर है, उतनी ही जिम्मेवारी क्या ज्ञानी महापुरुष पर भी होती है? पर मैं तो विचलित हो जाता हूँ भगवन्! क्या करूँ? |
अज्ञानी और ज्ञानी- इन दोनों के कर्मों के करने में क्या अन्तर होता है? जितनी जिम्मेवारी आप पर है, उतनी ही जिम्मेवारी क्या ज्ञानी महापुरुष पर भी होती है? पर मैं तो विचलित हो जाता हूँ भगवन्! क्या करूँ? |