अर्जुन बोले- हे पुरुषोत्तम! अभी आपने अपने आश्रितजनों के द्वारा अपने ब्रह्म, अध्यात्म आदि समग्ररूप को जानने की बात कही; अतः मैं यह पूछना चाहता हूँ कि वह ब्रह्म क्या है?
भगवान् बोले- उस परम अक्षर अर्थात् निर्गुण-निराकार परमात्मा को ब्रह्म कहते हैं।
वह अध्यात्म क्या है?
जीवों की सत्ता (होनेपन) को अध्यात्म कहते हैं।
वह कर्म क्या है?
महाप्रलय में अपने कर्मों के सहित मेरे में लीन हुए जीवों को महासर्ग के आदि में कर्मफल-भोग के लिये अपने में से प्रकट कर देना अर्थात् शरीरों के साथ विशेष सम्बन्ध कर देना ही त्यागरूप कर्म है।
अधिभूत किसको कहा गया है भगवन्?
हे देहधारियों में श्रेष्ठ अर्जुन! नष्ट होने वाले मात्र पदार्थ अधिभूत हैं।
अधिदैव किसको कहा जाता है?
सृष्टि के आरम्भ में सबसे पहले प्रकट होने वाले हिरण्यगर्भ ब्रह्मा जी अधिदैव हैं।
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