कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा -रसखान

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कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा -रसखान

कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा करिबो करि हैं
बृज मारो।
सीत न रोकत राखत कागु सुगावत ताहिरी
गाँव हारो।
आवरी सीरी करै अंतियां रसखान धनै धन
भाग हमारौ।
आवत हे फिरि आज बन्यो वह राति के रास को
नायन हारौ।

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