गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 408

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 15

जैसे प्रथम प्रदीप-प्रभा से करोड़ों वर्ष का अंधकार भी तत्क्षण समाप्त हो जाता है क्योंकि अंधकार का नाश कर देना ही प्रकाश का स्वभाव है।
अन्य-मार्गों से भी राग-निवृत्ति के उपाय किए जाते हैं; उन सबके सीमित रूप से ही राग-निवृत्ति होती है;

‘विषया विनिवर्तते निराहारस्य देहिनः।
रसवर्जं रसोऽप्यस्य परं दृष्ट्वा निवर्तते।।’[1]

‘क्षुधितस्य यथेतरे’[2]
अर्थात्, क्षुधित प्राणी की इतर इन्द्रियाँ स्वभावतः शिथिल हो जाती हैं।
‘निवृत्त्या वर्त्तमानस्य तपोनानशनात्परम्।’[3]

अनशन से बढ़कर कोई तप नहीं क्योंकि इससे तत्काल विकार प्रशान्त हो जाते हैं तथापि यदा-कदा अनशनकारी को अन्न में इतना प्रेम हो जाता है कि उसको अन्न की ही चिन्ता दिन-रात बनी रहती है। ऐसे अनेक साधन है जिनसे रागादि की अंशतः निवृत्ति हो जाती है किन्तु सम्पूर्णतः निवृत्ति सम्भव नहीं। अधिष्ठानस्वरूप भगवत्-तत्त्व के साक्षात्कार से ही रागादिकों की पूर्णरूपेण निवृत्ति सम्भव है।

‘भिद्यते हृदयग्रन्थिश्छिद्यन्ते सर्वसंशयाः।
क्षीयन्ते चास्य कर्माणि तस्मिन् दृष्टे परावरे।।’[4]

परावर, परब्रह्म का दर्शन प्राप्त करने पर ही हृदय-ग्रंथि छिन्न होती है और ‘कामायेस्य हृदि श्रिताः’[5] हृदय में स्थित सम्पूर्ण काम समूल नष्ट हो जाते हैं। भगवत्-साक्षात्कार ही ‘इतररागविस्मारणम्’ [6] संसार के अन्य सम्पूर्ण राग को भुला देने वाला है। पूर्व श्लोक के निवृत्तिपक्षीय व्याख्यान में उक्त विषय कहा जा चुका है।इस श्लोक में कह रहे हैं ‘त्वामपश्यताम् त्रुटिपरिमितोपि कालः युगायते।’ जो आपका दर्शन नहीं कर पाते, भगवत्-दर्शन नहीं कर पाते उनके लिये सम्पूर्ण काल दुःखात्मक ही है; दुःख-काल सुदीर्घ होता है और सुख-काल अल्प होता है। संसार के सम्पूर्ण सुख आपेक्षिक हैं; वस्तुतः सम्पूर्ण संसार दुःखात्मक ही है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्री0 भ0 गीता 2/59
  2. श्रीमद्भा0 1/12/6
  3. म0 भा0 शा0 प0 161/7
  4. मुण्डको0 2/2/8
  5. मुण्डको0 2/3/14
  6. श्रीमद्भा0 10/31/14

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क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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