गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 284

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 8

'वेदलक्षणा गाः पालयन्ति इति गोपालाः’ वेद रूप गाय को पालने वाला ही गोपाल है। व्रज रूप गोष्ठ में उपनिषद रूप गोओं का नियन्त्रण करने वाला, गौओं को चराने वाला, पालन -कर्ता ही गोपाल है। ‘गोपालः स एव-नन्दन, नन्दयति नन्दनः; सम्पूर्ण विश्वं नन्दयति’ अपने आनन्द सुधा-सिन्धु के एक कण मात्र से जो सम्पूर्ण विश्व को आनन्द प्रदान करता है वही नन्दन है।
वेद-ऋचाओं की अधिष्ठात्री-शक्तियाँ ही व्रजधाम की परम सौभाग्यशालिनी गो रूपा है।

‘गावश्च कृष्ण मुखनिर्गत वेणुगीत पीयूषमुत्तभितकर्णपुटैः पिबन्तयः।
शाबाः स्नुतस्तनपयः कवलाः स्म तस्थु र्गोबिन्दमात्मनि दृशाश्रु कलाः स्पृशन्त्यः।।’[1]

अर्थात, भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने अपने मुखचन्द्र पर वेणु को धारण कर उसके छिद्रों को अपने अधरामृत से परिपूरित किया। यह भगवताधरामृत ही वेणुगीत-पीयूष रूप से व्रजधाम में अनवरत रूपेण प्रवाहित हुआ; व्रजधाम की गायों ने अपने उछ्वसित कर्णपुटों से इसे पान किया। इस अधरामृत को पान कर गायें इत रागत-विस्मृत हो अपने शवकों को दुग्ध-पान कराना भी भूल गई; वे शावक-गण भी मुँह में पहुँचे हुए दुग्ध-कवल को गले में उतार लेना भूल गये और वह दुग्ध भूमि पर गिरने लगा; अतः वृन्दावन-धाम की भूमि श्वेत-द्वीप तुल्य शोभायमान हुई।
सांगोपांग अनेक शाखोपहित वेद ही व्रजधाम के द्रुम हैं। माध्यंदिनी, कौथुय तैत्तिरीय आदि अनेक शाखाएँ ही इस दु्रम की विभिन्न शाखाएँ हैं उपनिषद् ही पल्लव है, परमहंस परिव्राजक ही इस वेद-द्रुम पर बैठने वाले पक्षी है।
ज्ञान द्वारा यह मान लेने पर भी कि श्रृतियाँ अनन्त, अखण्ड, निर्विकार परब्रह्म का ही प्रतिपादन करती हैं, परात्पर परब्रह्म का प्रबोध सम्भव नहीं; अतः वेदों में अनुष्ठापकत्व लक्षण अप्रामाण्य की संभावना हो जाती है; एतावता श्रुतियाँ प्रार्थना करती हैं कि हमारे प्रामाण्य-हेतु मंगलमय श्रीविग्रह धारण कर सगुण, साकार, सच्चिदानन्द धनरूप में प्रकट हों। आपके प्राकट्य से आपकी वाणी से ही हमारी सुरक्षारूप प्रामाण्य-सिद्धि एवं उपोद्वलन होगा।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्रीम0 भा0 10/21/13

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गोपी गीत
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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