गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 101

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 2

अर्थात हे सखी! इन श्रीकृष्णचन्द्र के तो जन्मजन्मान्तरों का कौटिल्य विख्यात है। रामावतार में इन्होंने निरपराध वानरेन्द्र बालि को पेड़ की ओट से ऐसे मार डाला मानो वह जन्म-जन्मान्तर का द्वेषी हो। सर्वस्व समर्पण करने वाले दानव-राज बलि को वामनरूप धरकर ठग लिया और रसातल को भेज दिया। कथा है, श्रीमद् नारायण भगवान विष्णु वामनरूप धारण कर दानवेन्द्र बलि की सभा में पहुँचे। बलि की प्रार्थना पर वामन भगवान ने तीन पग पृथ्वी की कामना की। दानवेन्द्र बलि ने पुनः आग्रह किय, परन्तु बटुकरूपधारी भगवान ने उत्तर दिया, ‘असन्तुष्टा द्विजा नष्टा’ असन्तुष्ट द्विज नष्ट हो जाते हैं, सन्तोष ही ब्राह्मण का मुख्य धन है। बलि ने पुनः आग्रह करने पर वामन-रूपधारी भगवान विष्णु ने तीन पग पृथ्वी माँगी और दो ही पग में सब कुछ नाप लिया। पुनः तृतीय पग पृथ्वी की माँग की। बलि ने पूछा-‘हे देव! भोक्ता बड़ा है अथवा भोग्य? भगवान ने उत्तर दिया-‘भोक्ता ही सदा बड़ा है।’ उस पर बलि ने अपनी पीठ भगवान के सम्मुख करते हुए तीसरे पग से भूमि नाप लेने के लिए कहा। भगवान ने अपना पैर बलि की पीठ पर रखकर उसको पाताललोक भेज दिया। गोपांगनाएँ कहती हैं ‘ध्वांक्षवद्यः’ जेसे कौआ जिस पत्तल में खाता है उसी में छेद करता है वैसे ही वामन-रूपधारी भगवान ने बलि की बलि लेकर उसको पातालपुरी में पहुँचा दिया। हे सखी! ‘कज्जलमपि सुसख्ये’ सब कालों में बड़ी मित्रता है; काले सब एक ही से होते हैं। गुंजायमान भ्रमर को देखकर उसमें श्रीकृष्ण की उत्पेक्षा करती हुई परस्पर कहती हैं, ‘देख सखि! यह भ्रमर भी तो हमारे कृष्ण की तरह ही काला है, उन्हीं की तरह यह भी पीताम्बरधारी है; इसके भी अधर अरुण हैं और यह भी सदा ही मुख से वंशीनाद की तरह नाद करता है। कृष्ण की तरह यह भी सदा ही नई-नई कलियों का मकरन्द-पान किया करता है। काले सब बुरे होते हैं; हे सखि! ‘तदलमसितसख्यैः’ अतः काले लोगों का संग नहीं करना चाहिए।’

श्रवसोः कुवलयमक्ष्णोरन्जनम्।
उरसो महेन्द्रमणिदाम।
वृन्दावनतरुणीनाम्।
मण्डनमखिलं हरिर्जयति।।

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गोपी गीत
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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