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*[[शूरसेन]] की पीढ़ी में ही वासुदेव और [[कुंती]] का जन्म हुआ। कुंती तो पांडु की पत्नी बनी जबकि [[वसुदेव|वासुदेव]] से कृष्ण का जन्म हुआ। | *[[शूरसेन]] की पीढ़ी में ही वासुदेव और [[कुंती]] का जन्म हुआ। कुंती तो पांडु की पत्नी बनी जबकि [[वसुदेव|वासुदेव]] से कृष्ण का जन्म हुआ। | ||
− | * | + | *[[प्रद्युम्न]] के पिता कृष्ण थे और प्रद्युम्न से [[अनिरुद्ध]] का जन्म हुआ। प्रद्युम्न के पुत्र तथा कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की पत्नी के रूप में उषा की ख्याति है। |
− | *अनिरुद्ध की पत्नी [[उषा]] शोणितपुर के राजा [[वाणासुर]] की कन्या थी। अनिरुद्ध और उषा की प्रेम कहानी जगप्रसिद्ध है। भारतीय साहित्य में कदाचित यह एक अनोखी प्रेमकथा है जिसमें एक प्रेमिका स्त्री द्वारा पुरुष का हरण वर्णित है। | + | *अनिरुद्ध की पत्नी [[उषा]] शोणितपुर के राजा [[वाणासुर]] की कन्या थी। अनिरुद्ध और उषा की प्रेम कहानी जगप्रसिद्ध है। भारतीय साहित्य में कदाचित यह एक अनोखी प्रेमकथा है जिसमें एक प्रेमिका स्त्री द्वारा पुरुष का हरण वर्णित है।<ref>{{cite web |url=http://www.balajikripa.com/2014/12/blog-post_3.html?m=0|title=कृष्ण की प्रेमिकाएं |accessmonthday=अगस्त-23|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Balaji Kripa |language= }} |
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13:47, 23 अगस्त 2016 का अवतरण
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राधा कृष्ण की सखी थीं, ललिता आदि उनकी प्रेमिकाएं थीं। उक्त सभी को सखियां भी कहा जाता है।
- राधा की कुछ सखियां भी कृष्ण से प्रेम करती थीं जिनके नाम निम्न हैं- चित्रा, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चम्पकलता, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रग्डदेवी और सुदेवी।
- ब्रह्मवैवर्त्त पुराण के अनुसार कृष्ण की कुछ ही प्रेमिकाएं थीं जिनके नाम इस तरह हैं- चन्द्रावली, श्यामा, शैव्या, पद्या, राधा, ललिता, विशाखा तथा भद्रा।
- मान्यता यह है कि ललिता नाम की प्रेमिका को मोक्ष नहीं मिल पाया था, तो बाद में उसने मीरा के नाम से जन्म लिया।
- शूरसेन की पीढ़ी में ही वासुदेव और कुंती का जन्म हुआ। कुंती तो पांडु की पत्नी बनी जबकि वासुदेव से कृष्ण का जन्म हुआ।
- प्रद्युम्न के पिता कृष्ण थे और प्रद्युम्न से अनिरुद्ध का जन्म हुआ। प्रद्युम्न के पुत्र तथा कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की पत्नी के रूप में उषा की ख्याति है।
- अनिरुद्ध की पत्नी उषा शोणितपुर के राजा वाणासुर की कन्या थी। अनिरुद्ध और उषा की प्रेम कहानी जगप्रसिद्ध है। भारतीय साहित्य में कदाचित यह एक अनोखी प्रेमकथा है जिसमें एक प्रेमिका स्त्री द्वारा पुरुष का हरण वर्णित है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृष्ण की प्रेमिकाएं Balaji Kripa। अभिगमन तिथि: अगस्त-23, 2016।
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