श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
साहित्य
श्री चन्द्रलाल गोस्वामी
मन की गति तौं तुम जानत हौ तनसौं नहिं काज कछु बनि आइबौं। देवता पितर तुम सब मिलि सुनौ,
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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