श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
साहित्य
चाचा हित वृन्दावनदास जी
जलद घुरवा उठयौ नवल प्रेरयौ पवन, नृत्य समाप्त होने पर सखीजन प्रेमोल्लास में भरकर उनके ऊपर पुष्पांजलि वारती हैं और श्री राधा ‘भलै जू भलै’ कहकर अपने प्रियतम को आदर देती है। ‘सखी पहुपांजुलि वारिं चटके’ करनि ‘भलै जू भलै’ कहि प्रिया अति आदरी। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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