श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
साहित्य
चाचा हित वृन्दावनदास जी
शोभा न बरनी जात मोपै अंचला फरहरन की। दूसरे छंद में वे श्रीराधा के झूलने के प्रकार का चमत्कार पूर्ण वर्णन करते हैं, रमकनि बरनी न जाई डोरो करन है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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