गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 295

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 9

अर्थात भगवती का मंगलमय, परम पवित्र चरित्र सुनने से ही पाप का नाश एवं आरोग्य लाभ -होता है। तात्पर्य कि भगवती का पुनीत चरित्र-श्रवण से ही पाप-ताप को निवृत्ति एवं सर्व प्रकार के कल्याण का सम्पादन हो जाता है। भगवत कथामृत श्रवण कि लिए चित्त की एकाग्रता अनिवार्य है।

‘तावत कर्माणि कुर्वीत न निर्विद्येत यावता।
मत्कथाश्रवणादौ वा श्रद्धा यावन्न जायते।[1]

जब तक लौकैषणा, वित्तेष्णा, पुत्रैषणा से पुर्णतः विनिर्मुक्त न हो जाय, जब तक भगवत् कथामृत श्रवण में पूर्ण श्रद्धा जाग्रत न हो जाय तब तक श्रद्धा-भक्ति के साथ कर्म-काण्ड का सम्पादन करना चाहिए। भगवत् कथामृत रसास्वादन-हेतु कर्म-काण्ड, उपासना, अनुष्ठान आदि के द्वारा तदनुसार योग्यता का सम्पादन अपेक्षित है। ‘भुविगृणन्ति ते भूरिदा जनाः’ जो भूमण्डल में आपकी कथामृत का वितरण करते हैं वे ‘भूरिदा जनाः’ बड़े दानी हैं।
‘जीवाभयप्रदानस्य कलां नार्हन्ति षोडशीम’ अर्थात्, अनेकानेक प्रकार के दान, यज्ञ, अनुष्ठान आदि का महत्त्व उस महत्त्व की षोड़शी कला की भी बराबरी नहीं कर सकते जो जीव को अभय प्रदान करने से होता है। ‘किमहं ॐ साधु नाकरवम्। किमहं पापमकरवम्।[2]‘नैनं कृताकृते तपतः’[3] मरते समय जीव को संतान होता है मैंने क्यों साधु- कर्म नहीं किया? क्यों असाधु कर्म किए? परन्तु जो भगवत- कथामृत का श्रवण करता है वह कृताकृत संताप से मुक्त हो जाता है। भगवान् व्यास-पुत्र श्री शुकदेव जी राजा परीक्षित से कह रहे हैं,
‘त्वं तु राजन् मरिष्येति पशुबुद्धिमिमां जहि’[4] अर्थात्, हे राजन्! मैं मरूँगा, यह पशु-बुद्धि है। मन, बुद्धि, अहंकार से अतीत अजर, अमर, अखण्ड सच्चिदानन्दघन, परात्पर, परब्रह्म का अंश-स्वरूप मैं मर रहा हूँ यह पशु बुद्धि है। परीक्षित ने भी अनुभव किया ‘ब्रह्माहं परमं परं[5] हे गुरुदेव! आपके अनुग्रह से मैं भगवान् के मंगलमय मधुर मनोहर स्वरूप में प्रविष्ट हो गया; अब सम्पूर्ण ताप-संताप से विनिर्मुक्त हूँ, सम्पूर्णतः अभीत हूँ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्रीम0 भा0 11/20/9
  2. तै0 2/9/1
  3. बृ0 4/4/22
  4. श्रीम0 भा0 12/5/2
  5. श्रीम0 भा0 12/5/11

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गोपी गीत
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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