विषय सूचीयथार्थ गीता -स्वामी अड़गड़ानन्दएकादश अध्यायसंजय उवाच संजय बोला- सर्वत्र वास करनेवाले देव उन वासुदेव ने अर्जुन से इस प्रकार कहकर फिर वैसे ही अपने रूप को दिखाया। फिर महात्मा श्रीकृष्ण ने ‘सौम्यवपुः’ प्रसन्न होकर भयभीत अर्जुन को धैर्य दिया। अर्जुन बोला- |
टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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