छो (Text replacement - "गोवर्द्धन" to "गोवर्धन") |
|||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
| | | | ||
<center> | <center> | ||
− | ;या | + | ;या गोवर्धन घटदान विषया या श्रीकलिन्दात्मजा |
;मध्यस्नानकला विकल्पित दुरु तारातरच्छद्मतः। | ;मध्यस्नानकला विकल्पित दुरु तारातरच्छद्मतः। | ||
;या वृन्दावन वाटिकासु कुसुमस्तेयस्य लीला परा | ;या वृन्दावन वाटिकासु कुसुमस्तेयस्य लीला परा |
01:21, 24 मार्च 2018 के समय का अवतरण
विषय सूची
श्रीवृन्दावन महिमामृतम् -श्यामदास
षोेड़श शतकम्
गोवर्धन की जो घटदान लीला है वह, एवं यमुना में स्नान-केलि विलासादि एवं यमुना पार जाने के कर चुकाने के बहाने जो लीला हुई थी, वे एवं और श्रीवृन्दावन के वृक्ष वाटिकादि के कुसुम चोरी आदि की जो लीलाएं- वे समस्त श्रीराधामाधव की विनोद लहरी मेरे हृदय में स्फुरित हो।।47।।
श्रीवृन्दावन को छोड़कर मत जाओ। जनसंगादि में भी मत जाओ क्योंकि सर्वत्र ही भय है। वही राधिका वही सार-राधिका अर्थात पूर्णतम सार वस्तु नव वाटिका को पूर्ण रसोत्सव से शोभित कर रही हैं।।48।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज