हरिगीता अध्याय 2:36-40

श्रीहरिगीता -दीनानाथ भार्गव 'दिनेश'

अध्याय 2 पद 36-40

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कहने न कहने की खरी खोटी कहेंगे रिपु सभी।
सामर्थ्य-निन्दा से घना दुख और क्या होगा कभी॥36॥

जीते रहे तो राज्य लोगे, मर गये तो स्वर्ग में।
इस भाँति निश्चय युद्ध का, करके उठो अरिवर्ग में।।37॥

जय-हार, लाभालाभ, सुख-दुख सम समझकर सब कहीं।
फिर युद्ध कर तुझको धनुर्धर ! पाप यों होगा नहीं।।38॥

है सांख्य का यह ज्ञान अब सुन योग का शुभ ज्ञान भी।
हो युक्त जिससे, कर्म-बन्धन पार्थ, छुटेंगे सभी॥39॥

आरम्भ इसमें है अमिट, यह विघ्न बाधा से परे।
इस धर्म का पालन तनिक भी सर्व संकट को हरे॥40॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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