यथार्थ गीता -स्वामी अड़गड़ानन्दनवम अध्याय
ऊँ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘राजविद्याजागृति’ नाम नवमोऽध्यायः।।9।। इस प्रकार श्रीमद्भवद्गीतारूपी उपनिषद् एवं ब्रह्मविद्या तथा योगशास्त्रविषयक श्रीकृष्ण और अर्जुन के सम्वाद में ‘राजविद्या-जागृति’ नामक नौवाँ अध्याय पूर्ण होता है। इस प्रकार श्रीमत् परमहंस परमानन्दजी के शिष्य स्वामी अड़गड़ानन्दकृत ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ के भाष्य ‘यथार्थ गीता’ में ‘राजविद्या-जागृति’ नामक नौवाँ अध्याय पूर्ण होता है। |
टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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