भागवत धर्म सार -विनोबा पृ. 38

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13 हंस-गीत

9. देहोऽपि दैववशगः खलु कर्म यावत्
स्वारंभकं प्रतिसमीक्षत ऐव सासुः।
तं सप्रपंचमधिरूढ-समाधि-योगः
स्वाप्नं पुनर् न भजते प्रतिबुद्ध-वस्तुः॥
 
अर्थः
देह भी दैवाधीन रहकर स्वारंभक कर्म (शेष) रहने तक प्राणधारण कर राह देखता रहता है। समाधि-योग प्राप्त कर वस्तु प्रबोधलब्ध पुरुष स्वप्नतुल्य उस सप्रपंच देह को पुनः धारण नहीं करता।
 
10. मयैतदुक्तं वो विप्रा! गुह्यं यत् सांख्य-योगयोः।
जानीत माऽऽगतं यज्ञं युष्मद्-धर्म-विवक्षया॥
अर्थः
हे सनकादि ऋषियों! सांख्य और योग का यह रहस्य मैंने आप लोगों से कहा। आप लोगों को धर्म का उपदेश देने के लिए मैं यज्ञरूप विष्णु ही आया हुआ हूँ, ऐसा जानो।
 
11. अहं योगस्य सांख्यस्य सत्यस्यर्तस्य तेजसः।
परायणं द्विजश्रेष्ठाः ! श्रियःकीर्तेर् दमस्य च।।
अर्थः
हे द्विजश्रेष्ठ! योग, सांख्य, सत्य, ऋत, तेज, श्री, कीर्ति, दम इन सबका मैं अधिष्ठान हूँ।
 
12. मां भजन्ति गुणाः सर्वे निर्गुणं निरपेक्षकम्।
सुहृदं प्रियमात्मानं साम्यासंगादयोऽगुणाः।।
अर्थः
सर्व गुण मुझे निर्गुण-निरपेक्ष को भजते हैं, उलटे साम्य, अनासक्ति आदि निर्गुण लक्षण मुझ सुहृत्-प्रिय-आत्मा को भजते हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

भागवत धर्म सार
क्रमांक प्रकरण पृष्ठ संख्या
1. ईश्वर-प्रार्थना 3
2. भागवत-धर्म 6
3. भक्त-लक्षण 9
4. माया-तरण 12
5. ब्रह्म-स्वरूप 15
6. आत्मोद्धार 16
7. गुरुबोध (1) सृष्टि-गुरु 18
8. गुरुबोध (2) प्राणि-गुरु 21
9. गुरुबोध (3) मानव-गुरु 24
10. आत्म-विद्या 26
11. बद्ध-मुक्त-मुमुक्षु-साधक 29
12. वृक्षच्छेद 34
13. हंस-गीत 36
14. भक्ति-पावनत्व 39
15. सिद्धि-विभूति-निराकांक्षा 42
16. गुण-विकास 43
17. वर्णाश्रम-सार 46
18. विशेष सूचनाएँ 48
19. ज्ञान-वैराग्य-भक्ति 49
20. योग-त्रयी 52
21. वेद-तात्पर्य 56
22. संसार प्रवाह 57
23. भिक्षु गीत 58
24. पारतंत्र्य-मीमांसा 60
25. सत्व-संशुद्धि 61
26. सत्संगति 63
27. पूजा 64
28. ब्रह्म-स्थिति 66
29. भक्ति सारामृत 69
30. मुक्त विहार 71
31. कृष्ण-चरित्र-स्मरण 72
भागवत धर्म मीमांसा
1. भागवत धर्म 74
2. भक्त-लक्षण 81
3. माया-संतरण 89
4. बद्ध-मुक्त-मुमुक्षु साधक 99
5. वर्णाश्रण-सार 112
6. ज्ञान-वैराग्य-भक्ति 115
7. वेद-तात्पर्य 125
8. संसार-प्रवाह 134
9. पारतन्त्र्य-मीमांसा 138
10. पूजा 140
11. ब्रह्म-स्थिति 145
12. आत्म-विद्या 154
13. अंतिम पृष्ठ 155

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