आवत है बन ते मनमोहन -रसखान

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आवत है बन ते मनमोहन -रसखान

आवत है बन ते मनमोहन, गाइन संग लसै ब्रज-ग्वाला।
बेनु बजावत गावत गीत, अभीत इतै करिगौ कछु ख्याला।
हेरत हेरि चकै चहुँ ओर ते झाँकी झरोखन तै ब्रजबाला।
देखि सुआनन को रसखानि तज्यौ सब द्योस को ताप कसाला।

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